पिछले महीने वर्ल्ड इकानॉमिक फोरम ने दुनियाभर के देशों के लोगों के बीच असमानता को लेकर अपनी पहली रिपोर्ट पेश की जिसमे कि लोगों के बीच आय को लेकर बढ़ती असमानता पर चिंता जताई गयी है. यूरोप के जिनेवा शहर में जारी की गई इस रिपोर्ट में सात पैमानों पर दुनियाभर के देशों को परखा है कि ये तमाम देश अपने यहां लोगों के बीच आय के असंतुलन को कम करने में कितने कामयाब हुए हैं. ‘द इनक्लूसीव ग्रोथ एंड डेवेल्पमेंट रिपोर्ट 2015’ नामक इस रिपोर्ट में दुनिया भर के 112 देशों का अध्ययन किया गया है. इस रिपोर्ट के माध्यम से दुनियाभर के नीति निर्धारकों को एक ऐसी व्यवस्था बताई है जिससे आर्थिक उन्नति देश के हर आदमी तक समान रुप से पहुंचे और देश में हो रहे विकास का लाभ हर नागरिक को हो. रिपोर्ट में भारत का प्रदर्शन भी निराशाजनक रहा. दुनियाभर के देशों में भारत का स्थान निम्न-मध्यम आय वाले 38 देशों के बीच है. अब भी समय है कि हमारी सरकारें इस दिशा में चेत जाएं और गंभीर होकर आर्थिक असामनता को दूर करने के लिए ठोस कदम उठाएं, वरना यह आर्थिक असामनता आगे चलकर बहुत भारी पड़ेगी.
आर्थिक असमानता से कब चेतेंगे
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