ब्रह्मास्त्र हमेशा से जाति आधारित आरक्षण व्यवस्था का विरोधी रहा है. ब्रह्मास्त्र का मत है कि आरक्षण यदि दिया जाता है तो उसका आधार जाति-वर्ग से इतर आर्थिक होना चाहिए जिसके अंतर्गत सभी जातियों, सभी समुदायों के पिछड़े और विपन्न लोग आ जाएंगे. इस सम्बन्ध में ब्रह्मास्त्र द्वारा विभिन्न स्तर पर आवाज उठाई जाती रही है; प्रयास किए जाते रहे हैं. धीरे-धीरे अब उन प्रयासों का कुछ-कुछ असर भी दिखने लगा है. सत्ता के उच्च प्रतिष्ठानों में भी अब अन्य जातियों के पिछड़े लोगों को आरक्षण देने के सम्बन्ध में सुगबुगाहट होने लगी है. हालांकि यह सिर्फ एक शुरुआत है और अभी बहुत कुछ या लगभग सबकुछ होना शेष ही है, लेकिन यह सुगबुगाहट एक आशा तो जगाती ही है. अंततः स्पष्ट कर दें कि ब्रह्मास्त्र आरक्षण के सम्बन्ध में अपने प्रयास और अपना संघर्ष तबतक जारी रखेगा जबतक सरकार द्वारा पूरी तरह से जातिगत आरक्षण को समाप्त कर उसकी जगह आर्थिक आधार पर आरक्षण की व्यवस्था नहीं की जाती.
होने लगा ब्रह्मास्त्र की कोशिशों का असर
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