मोदी जी के ‘विराट रोड शो’ में प्रियंका जी की बनती ‘धारणा’ – मेगा रोड शो की सुपरहिट कामयाबी ने फ्लॉप किया प्रियंका का शो!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वाराणसी से दोबारा अपना नामांकन दाखिल किया और काशी से जीत का आशीर्वाद लिया, लेकिन गुरुवार को वाराणसी में मेगा रोड शो ने जता दिया कि काशी ही नहीं देश के दिल में क्या उमड़ रहा है। काशी की रैली की बात करें तो इस मौके पर लोगों का भारी जनसैलाब मोदी के स्वागत के लिए उमड़ा।

रोड शो में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश अध्यक्ष महेंद्रनाथ पांडेय, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, निर्मला सीतारमण, सुषमा स्वराज, पीयूष गोयल, जेपी नड्डा, मनोज सिन्हा, अनुप्रिया पटेल, केशव मौर्य, दिनेश शर्मा, हेमामालिनी, मनोज तिवारी, दिनेशलाल यादव निरहुआ, रविकिशन आदि शामिल हुए। मोदी ने महामना मदन मोहन मालवीय की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर रोड शो की शुरुआत की. इसके बाद ‘हर-हर महादेव’ और ‘जय श्री राम’ के साथ मोदी-मोदी के गगनभेदी नारों से काशी गूंज उठी| सड़क से काफिला गुजरा तो लोगों ने फूलों की बौछार कर उनका स्वागत भी किया| मोदी का काफिला जब सड़कों से गुजरा तो उन्हें देखने के लिए लोग घरों की छतों पर चढ़े नजर आए. हर तरफ समर्थक खड़े थे और ‘मोदी-मोदी’ की आवाज लगा रहे थे| इस दौरान जगह-जगह कॉलेज की छात्राओं और लोगों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किया| मोदी का रोड शो लंका से अस्सी पहुंचा| इस दौरान अस्सी चौराहे पर शंखनाद के साथ फूलों की बौछार कर काशीवासियों ने मोदी का स्वागत किया| इसके बाद प्रधानमंत्री का रोडशो भदैनी से होते हुए सोनपुरा की तरफ बढ़ गया| रोड शो लंका से अस्सी, शिवाला, सोनारपुरा, मदनपुरा, गोदौलिया होकर दशाश्वमेध घाट पहुंचा, जहां प्रधानमंत्री समेत सभी लोग गंगा आरती में शामिल हुए| यहां से वह होटल डि पेरिस गए, जहां प्रबुद्धजनों से बातचीत की।
ये पूरा विवरण रोड शो बताने के लिए नहीं, बल्कि काशी का मूड बताने के लिए है। काशी की जनता फिलहाल मोदी को छोड़कर किसी और को काशी की गलियों में एंट्री नहीं करने देना चाहती है।

तीन चरण बाद रोड शो के मायने
तीन चरण के बाद अगर ग्राउंड रिपोर्ट की बात करें तो बीजेपी विपक्षियों की हवा निकाल चुकी है। रही सही कसर मोदी के मेगा रोड शो ने भी पूरी कर दी है। मोदी के रोड शो और आरती के वक्त पूरी काशी सड़कों पर, छतों पर, चौराहों पर थी। हर कोई अपने प्रधानमंत्री की एक झलक चाहता था। मोदी ने खुद ये स्वीकार किया कि ये जनसैलाब 2014 से भी विराट थी। अब होने वाले मतदान पर भी इस रोड शो का असर पड़ने वाला है। जो मतदाता भ्रम में रहे होंगे इस रैली के बाद मन बना चुके होंगे कि उन्हें किसे वोट करना है। खासकर पहली बार अपने मत का प्रयोग करने जा रहे मतदाताओं और महिलाओं के मन पर इस रैली ने अमिट और सकारात्मक प्रभाव डाला है।

प्रियंका गांधी बनेंगी ‘धारणा’ का शिकार!
पिछले कई दिनों से प्रियंका गांधी मोदी के सामने चुनाव लड़ने की बात कह रही थीं और कांग्रेस का किसी और को टिकट न देना भी इस ओर इशारा कर रहा था, लेकिन आखिरी मौके पर प्रियंका ने बैक आउट कर लिया, कांग्रेस ने भी पिछली बार ज़मानत ज़ब्त कराने वाले अजय राय को बलि का बकरा बना दिया। साधारण धारणा है कि अजय राय हारने के लिए लड़ रहे हैं यानी कुर्बान होने के लिए आलाकमान के फैसले पर तैयार हैं, लेकिन जनता ने प्रियंका के बारे में ‘डरपोक’ और ’भगोड़ी’ की भावना धारण कर ली है और राजनीति में धारणाओं का भी अपना किरदार है। प्रियंका ने रोड शो की पूर्व रात और सुबह-सुबह बनारस की भारी भीड़ देखकर ही अंदाजा लगा लिया था कि काशी में मोदी तिलिस्म तोड़ना फिलहाल उनके वश की बात नहीं और वो अभी राजनीति की कच्ची खिलाड़ी हैं। लंबे वक्त तक ये ‘धारणाएं’ प्रियंका का पीछा छोड़ने वाली नहीं हैं।

बहरहाल बंपर रोड शो से मोदी ने एक तीर से कई शिकार किए हैं और फिलहाल तो बाजी उनके ही हाथ में नज़र आ रही है।