हमारे देश  के राजनेताओं व पार्टियों के आचरण से देश  की जनता बेहद परेशान  है. यह लोकतन्त्र के लिए बेहद खतरनाक है. हमारे देश  के क्रांतिकारियों ने अपने जीवन का बलिदान यह सोच कर दिया था कि हम रहें या ना रहें देश  की जनता को पूर्ण आजादी मिलेगी और भारत खुशहाल बनेगा, मगर ठीक इसका उलटा हुआ.  गोरे अंग्रेज चले गए, उनकी जगह काले अंग्रेज आ गए जिन्होने भारतीय जनता का जमकर शोषण किया.

निष्कर्ष यह  निकलता है कि हमारे संविधान में बहुत सारी कमजोरियां हैं, जिनके कारण सत्ता का सहारा लेकर नेताओं द्वारा जनता का शोषण और अपना पोषण किया जाता रहता है. अतः समय रहते अगर इन कमियों दूर नही किया गया तो इसका खामियाज़ा देश  व जनता को गुलामी के रूप में उठाना  पड़ेगा. क्योंकि आजादी तो मिली पर स्वतंत्रता नही मिली. वर्तमान सभी कानून अंग्रेजों ने भारत को गुलाम बनाए रखने के लिए बनाए थे. हम भारतवासी पूर्णरूप से तभी स्वतंत्र होंगे, जब हमारे अपने भारतीय नियम व कानून होंगे. इस सम्बन्ध में सबसे पहली आवश्यकता चुनाव सुधार या जनप्रतिनिधियों की निर्वाचन प्रणाली में सुधार की आवश्यकता है जिसके लिए ब्रह्मास्त्र द्वारा कुछ उपाय सुझाए गए हैं जो कि निम्नलिखित हैं.

ब्रहमास्त्र द्वारा प्रतिसूचित जनप्रतिनिधि निर्वाचन प्रणाली को सुधारने के कुछ उपाए:

१. जो व्यक्ति चुनाव लड़ना चाहता है, उसकी लिखित परीक्षा होनी चाहिए. इस परीक्षा कम से कम ७०  अंक हासिल करने वाले व्यक्ति को ही चुनाव लड़ने का अधिकार मिले  तथा साथ ही प्रत्याशी से पूछा जाना चाहिए कि उसने अब तक समाज के लिए कौन-कौन से महत्वपूर्ण कार्य किए और समाज पर उसका क्या प्रभाव रहा.

२. चुनाव आयोग सभी पार्टियों व प्रत्याशियों  से यह लिखित  रूप से ले कि पार्टी व प्रत्याशी  ने जो अपना घोषणा  पत्र तैयार किया है, वह कितने दिनों में व किस प्रकार  पूर्ण होगा. अगर वह अपना घोषणा  पत्र तय समय में पूरा नही करता है, तो उस पर जनता को धोखा देने के आरोप में मुकदमा चलाया जाना चाहिए और उस पार्टी पर और प्रत्याशी  पर पूर्ण रूप से हमेशा के लिए प्रतिबंध लगा देना चाहिए.

३. चुनाव आयोग को सभी पार्टियों व प्रत्याशियों  की जन सभा व रैली पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए.

४. चुनाव आयोग को खुद एक मंच पर सभी पार्टियों के नेताओं को जनता के बीच बुलाकर उनके घोषणा  पत्र पर उनसे बहस करानी चाहिए जैसे अधिकतर मीडि़या चैनल करते हैं.

५. प्रत्याशी  के शक्ति प्रदर्शन पर पूर्ण पाबंदी लगानी चाहिए और प्रत्याशी  को केवल पदयात्रा या कार यात्रा की अनुमति होनी चाहिए. जिसमें उसके साथ अधिकतम १० लोग ही शामिल हों तथा उसे नुक्कड़ सभा की अनुमति मिलनी चाहिए.

६. प्रत्येक पार्टी के लिए यह अनिवार्य किया जाना चाहिए कि वह जिस व्यक्ति को टिकट दे रही है, वह उससे उसका सम्पूर्ण ब्योरा घोषणा पत्र के साथ संलग्न करे.

७.  चुनाव आयोग ऐसे सभी प्रत्याशी यों के उपर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाए, जो किसी भी अपराध में संलिप्त हों.

८.  चुनाव आयोग हारे हुए प्रत्याशियों की मेरिट लिस्ट के अनुसार १०  लोगों की एक मिनी मीटिंग कमेटी बनाए जो जीते हुए प्रत्याशी  के काम-काज़ पर नज़र रखे.