The best way to make your nation a dream land is to serve each other.
As the adage goes,
“When a person is down in the world, an ounce of help is better than pound of preaching.”
चार चरण का चुनाव पार, अबकी बार किसकी सरकार! चार चरण में जनता अपना जनादेश दे रही है. लोकसभा चुनाव के लिए चौथे चरण में जिन 71 सीटों पर वोट पड़ेंगे, पिछले चुनाव में इन्हीं सीटों के कारण भाजपा को ...
मोदी जी के ‘विराट रोड शो’ में प्रियंका जी की बनती ‘धारणा’ – मेगा रोड शो की सुपरहिट कामयाबी ने फ्लॉप किया प्रियंका का शो! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वाराणसी से दोबारा अपना नामांकन दाखिल किया और काशी ...
लोकसभा चुनाव के तीन चरण बाद देश भर में चुनावी घमासान तेज़ है। करीब 15 फीसदी सीटें देने वाले देश के बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में बुआ-बबुआ का सीटों पर गठबंधन हो जाने से एक बार फिर यह बात साफ ...
आज के बच्चे ही कल युवा होंगे और राष्ट्र के प्रगति व संरक्षण का दायित्व उनके कन्धों पर होगा, ऐसे में आवश्यक है कि वे शारीरिक-मानसिक स्तर पर स्वस्थ व मजबूत हों । बच्चों को शारीरिक-मानसिक स्तर पर स्वस्थ व ...
फरीदाबाद में हुई ब्राह्मण समाज की बैठक जिसमे समाज के कई प्रबुद्ध लोगों ने हिस्सा लिया. ब्रह्मास्त्र के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री शरद त्रिवेदी तथा आम आदमी पार्टी के विधायक नारायण दत्त शर्मा समेत और भी कई गणमान्य व्यक्ति कार्यक्रम में ...
ऐसा लगता है कि मानों हम 1792 के पहले फ्रांस में शोषण के जाल में फंसे मजदूरों को एक बार फिर देखने की स्थिति में पहुंच रहे हैं। मजदूरों का यह नीति आधारित शोषण भारत में अलग-अलग स्तरों पर हो ...
भारत को एक जनतन्त्र कहा जाता है और 120 करोड़ आबादी वाले इस जनतन्त्र में 100 सबसे अमीर लोगों की कुल सम्पत्ति पूरे देश की कुल वार्षिक उत्पादन का एक चौथाई से भी अधिक हिस्सा है। इस तरह सबसे बड़े ...
हमारे देश में अक्सर बाल मजदूरी के खिलाफ आवाज उठाया जाता है. ‘अभी करनी है हमको पढ़ाई, मत करवाओ हमसे कमाई’ जैसे नारे लगाए जाते हैं. सरकार भी इसे रोकने के लिए नए-नए कदम उठा रही है. बावजूद इसके देश में बाल मजदूरों की संख्या ...
वर्तमान मतदान प्रकिया के दौरान प्रायः 40 प्रतिशत मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग नही कर पाते. क्योंकि इनमें से अधिकतर मतदाता रोज़ी-रोटी के चक्कर में अपने मूल स्थान से किसी अन्य प्रदेश में मज़दूरी, नौकरी, व्यापार करते हैं. उस प्रदेश ...
शिक्षा के दो ही मूल उद्देश्य होते हैं – १. संस्कार २. रोजगार वर्तमान शिक्षा प्रणाली से इन दोनो ही उद्देश्यों की पूर्ति होती नहीं दिखती. देश में बढ़ते हुए अपराध और बेरोजगारी इसके ताजा उदाहरण हैं. इसलिए जिस शिक्षा से ...