मनरेगा में सरकारी मजदूरी १६१ रूपया है जबकि निजी क्षेत्र में २०० रूपये; इसलिए अधिकांश युवा व सक्षम श्रमिक निजी क्षेत्र का रुख कर लेते हैं. दूसरी तरफ ‘श्रमिक पंजीकरण’ हेतु श्रम के अभिलेखीय अंकन आवश्यक है, लेकिन निजी क्षेत्र में इसकी कोई व्यवस्था नहीं है. इससे जीवन भर निजी क्षेत्र में श्रम करने के बावजूद श्रमिक के श्रम का कोई अंकन नहीं होता. परिणामतः उसका पंजीकरण नहीं हो पाता जिसके चलते वाह सरकार ‘श्रमिक कल्याण योजनाओं’ से वंचित रह जाता है. ब्रह्मास्त्र इस समस्या के समाधान हेतु न केवल वैज्ञानिक आधार पर ‘मल्टी मजदूर कार्ड’ जैसी चीजों की मांग करता रहा है, बल्कि जब-तब अपने श्रमिक सम्मेलन कार्यक्रमों में श्रमिकों का पंजीकरण भी कराता रहा है. हालांकि इस दिशा में सरकारी-प्रशासनिक स्तर पर कुछ ठोस कदम उठाए जाने की जरूरत है जिससे श्रमिकों का श्रमिकों के श्रम का अंकन सुनिश्चित हो सके. अंततः ब्रह्मास्त्र मजदूरों के हितों व अधिकारों की रक्षा के लिए अपना संघर्ष जारी रखेगा.
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