1993 में पारित संविधान के 73 वें और 74 वें संशोधन अधिनियम के अनुसार, सभी ग्रामीण और शहरी स्थानीय निकायों में एक तिहाई सीटें पहले से ही महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। केंद्र ने पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं को 50 प्रतिशत कोटा प्रदान करने के लिए एक केंद्रीय कानून लाने का कदम उठाया है।केंद्रीय पंचायती राज मंत्री ‘नरेंद्र सिंह तोमर’ ने कहा कि पूरे देश की पंचायतों में महिलाओं के लिए 50 फीसदी आरक्षण करने पर विचार-विमर्श किया जा रहा है। लोकसभा में पिनाकी मिश्रा, अधीर रंजन चौधरी, सुनील कुमार पिंटू और कुछ अन्य सदस्यों के पूरक प्रश्नों के उत्तर में तोमर ने यह भी कहा कि देश भर की पंचायतों में 31 लाख से अधिक जनप्रतिनिधि हैं और इनमें 46 फीसदी जनप्रतिनिधि महिलाएं हैं।
उन्होंने कहा कि अभी बिहार, कर्नाटक, ओडिशा और मध्य प्रदेश सहित 20 राज्यों की पंचायतों में महिलाओं के लिए लिए 50 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था है। पूरे देश में 50 फीसदी आरक्षण के बारे में चर्चा चल रही है। दरअसल, बीजू जनता दल के पिनाकी मिश्रा ने ओडिशा की पंचायतों में महिलाओं के लिए 50 फीसदी आरक्षण का हवाला देते हुए देश भर की पंचायतों में (महिलाओं के लिए) आरक्षण का दायरा बढ़ा कर 50 फीसदी करने की मांग की थी। तोमर जी ने कहा कि भाजपा सरकार बनने के बाद पंचायतों में भ्रष्टाचार पर अंकुश लग चुका है। उन्होंने कहा कि जब तक उपयोग प्रमाण पत्र नहीं मिल जाता है, तब तक पंचायतों के लिए पैसा नहीं जारी नहीं किया जाता है।
आपको बता दें कि बिहार, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे कुछ राज्यों में महिलाओं के लिए पहले से ही पचास प्रतिशत आरक्षण लागू है। पंचायतों में आरक्षण के लिए लंबे समय से मांग की जाती रही है। मनमोहन सिंह के सरकार के समय भी इसे लागू करने का प्रयास किया गया था। लेकिन तब सरकार सफल नहीं हो पाई थी। इसके बाद मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान भी ऐसे प्रयास किए थे।
‘ब्रह्मास्त्र’ इस प्रस्ताव का समर्थन देता है, हमारा मानना है कि एक आधुनिक लोकतंत्र होने के लिए, हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है की महिलाएं सीधे राजनीतिक प्रक्रिया में अधिक भाग लें। पंचायतें महिलाओं को राजनीतिक प्रक्रिया में बुनियादी शिक्षा प्रदान करती हैं| इस फैसले से, महिला शिशुहत्या, कुपोषण, स्वास्थ्य, सुरक्षा, मजदूरी-अंतर, शिक्षा, दहेज, पानी, स्वच्छता जैसे मुद्दों को विशेष रूप से गांवों में ज़मीनी स्तर पर संबोधित किया जाएगा। देशभर में सशक्त महिलाएं नेतृत्व लेने में सक्षम हैं, हमें सिर्फ ज़मीनी स्तर पर इस नेतृत्व प्रतिभा को पोषित करने की ज़रूरत है।